नई दिल्ली, 12 जून: किशोरों के लिए हाल ही में आयोजित सुलेख कार्यशाला (कैलिग्राफी) से मिली अभूतपूर्व प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर, राष्ट्रीय संग्रहालय अगले सप्ताह इसी तरह की एक कार्यशाला आयोजित करने जा रहा है। इस बार यह कार्यशाला वयस्को के लिए होगी ।
राष्ट्रीय संग्रहालय में पहली मंजिल पर 15 जून (सोमवार) से आयोजित होने वाली यह तीन दिवसीय सुलेख कार्यशाला 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए खुली होगी । 300 रुपये का शुल्क जमा करने के बाद इस कार्यशाला के लिए तीस उम्मीदवारों का पहले आओ - पहले पाओ के आधार पर चयन किया जाएगा।
राष्ट्रीय संग्रहालय की क्यूरेटर (सजावटी कला) अनामिका पाठक के अनुसार, इस दौरान कुल 15 घंटे का प्रशिक्षण सत्र होगा । इस सत्र का आयोजन लकड़ी, पत्थर और धातु जैसे कई माध्यमों पर तीन विशेषज्ञों के नेतृत्व में किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में हमसे काफी लोगों नें पूछताछ की है कि क्या 18 साल से अधिक उम्र के लोग भी सुलेख सीख सकते हैं । ये इंक्वायरी राष्ट्रीय संग्रहालय के द्वारा 14 से 18 साल के बच्चों के लिए एक कार्यशाला (29 से 31 मई) आयोजित करने के फैसले के बाद आयी।’’
पिछली बार आयोजित सुलेख कार्यशाला की ही तरह, यह कार्यशाला भी हर दिन सुबह 11 बजे से शुरू होगी और इंटरैक्टिव आधार पर आयोजित की जाएगी।
ये कार्यशालाएं दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर इस्लामी शैली सुलेख पर राष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी के दौरान आयोजित की जा रही हैं। इसके तहत पिछली पाचं शताब्दियों की 56 उपयोगी कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जा रहा है। ‘‘सुलेखन कला: सुसज्जात्मक कलाकृतियों पर अरबी और फारसी लेख ’ शीर्षक वाली 59 दिवसीय प्रदर्शनी 12 जुलाई को सम्पन्न हो रही है। यह प्रदर्शनी धातु की तारों, लकड़ियों कपड़ो तथा कीमती पत्थरों पर सुलेखन पर केंद्रित है। ये सभी राष्ट्रिय संग्रहालय के संग्रहों से लिये गये हैं।