कोच्चि, 31 दिसंबर: भारत में कला और सांस्कृतिक पर्यटन को कोच्चि मुजिरिस बिनाले (केएमबी) की सफलता से काफी बढ़ावा मिला है। बिनाले के तीन संस्करणों से कला एवं सांस्कृतिक पर्यटन के दायरे में विस्तार हुआ है, विषेश रूप से देश आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।
पर्यटन मंत्रालय के सचिव श्री विनोद जुत्शी ने यह बात कही। शुक्रवार को केएमबी के मुख्य एस्पिनवाल हाउस स्थल के दौरे पर यहां आए श्री जुत्षी ने कहा, ‘‘पिछले संस्करण में करीब पांच लाख लोगों ने बिनाले का दौरा किया था। केएमबी जैसी प्रदर्शनियों की ओर काफी संख्या में लोग आकर्षित हुए, जो कि पर्यटन के लिए बेहतर है। यहां की अद्भुत कलाकृतियों को देखकर, मुझे यकीन है कि यह संस्करण और अधिक कला प्रेमियों को आकर्षित करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बिनाले में देश भर से स्थानीय लोगों और आगंतुकों के अलावा, काफी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आ रहे हैं, जिसका देश के पर्यटन क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। तिरुवनंतपुरम की सरकारी यात्रा के बाद बिनाले देखने आए जुत्षी ने कहा, ‘‘राज्य और केंद्र सरकारों को केएमबी जैसे आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए अपने हाथ मिलाने चाहिए।’’
मलयाली लेखक श्री के.एल. मोहन वर्मा ने भी अपने दो पोते सहित अपने परिवार के साथ बिनाले का दौरा किया। श्री वर्मा दिग्गज कलाकार राजा रवि वर्मा की पांचवीं पीढ़ी के वंशज हैं।
80 वर्षीय साहित्यकार ऑडियो प्रस्तुतियों से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने महसूस किया कि इससे कला की लोकप्रियता में एक और आयाम जुड़ गया है।
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बिनाले को आर्थिक मूल्य के रूप में नहीं देखना चाहिए। “वर्मा ने कहा, ‘‘भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसने जो भारी खुशी लायी है उसका प्रभाव अमूल्य है।’’ केरल हिस्ट्री एसोसिएशन के भी अध्यक्ष श्री वर्मा ने कहा, ‘‘यह वैसी जगह है जहां युवा लोगों का मानना है कि उनके सपने साकार हो सकते हैं।“
अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के पिछले संस्करणों का दौरा करने वाले श्री मोहन वर्मा ने कहा कि स्कूलों को अपने छात्रों को केएमबी’16 का अनिवार्य रूप से दो दिन का दौरा कराना चाहिए।
K L Mohana Varma:- Writer K L Mohana Varma viewing Orijit Sen's installation titled 'Go Play Ces' at Aspinwall House, Fort Kochi |
पर्यटन मंत्रालय के सचिव श्री विनोद जुत्शी ने यह बात कही। शुक्रवार को केएमबी के मुख्य एस्पिनवाल हाउस स्थल के दौरे पर यहां आए श्री जुत्षी ने कहा, ‘‘पिछले संस्करण में करीब पांच लाख लोगों ने बिनाले का दौरा किया था। केएमबी जैसी प्रदर्शनियों की ओर काफी संख्या में लोग आकर्षित हुए, जो कि पर्यटन के लिए बेहतर है। यहां की अद्भुत कलाकृतियों को देखकर, मुझे यकीन है कि यह संस्करण और अधिक कला प्रेमियों को आकर्षित करेगा।’’
Vinod Zutshi viewing Yuko Mohri's installation titled 'Calls' at Aspinwall House, Fort Kochi |
उन्होंने कहा, ‘‘बिनाले में देश भर से स्थानीय लोगों और आगंतुकों के अलावा, काफी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आ रहे हैं, जिसका देश के पर्यटन क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। तिरुवनंतपुरम की सरकारी यात्रा के बाद बिनाले देखने आए जुत्षी ने कहा, ‘‘राज्य और केंद्र सरकारों को केएमबी जैसे आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए अपने हाथ मिलाने चाहिए।’’
मलयाली लेखक श्री के.एल. मोहन वर्मा ने भी अपने दो पोते सहित अपने परिवार के साथ बिनाले का दौरा किया। श्री वर्मा दिग्गज कलाकार राजा रवि वर्मा की पांचवीं पीढ़ी के वंशज हैं।
80 वर्षीय साहित्यकार ऑडियो प्रस्तुतियों से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने महसूस किया कि इससे कला की लोकप्रियता में एक और आयाम जुड़ गया है।
Vinod Zutshi viewing Orijit Sen's installation titled 'Go Play Ces' at Aspinwall House, Fort Kochi |
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बिनाले को आर्थिक मूल्य के रूप में नहीं देखना चाहिए। “वर्मा ने कहा, ‘‘भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसने जो भारी खुशी लायी है उसका प्रभाव अमूल्य है।’’ केरल हिस्ट्री एसोसिएशन के भी अध्यक्ष श्री वर्मा ने कहा, ‘‘यह वैसी जगह है जहां युवा लोगों का मानना है कि उनके सपने साकार हो सकते हैं।“
अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के पिछले संस्करणों का दौरा करने वाले श्री मोहन वर्मा ने कहा कि स्कूलों को अपने छात्रों को केएमबी’16 का अनिवार्य रूप से दो दिन का दौरा कराना चाहिए।