कलाकार, चाहे वह किसी भी विधा का हो उचित सम्मान का भूखा होता है, उसकी कला तभी मुखरित होती है जब उसे उचित सम्मान मिलाता है/ बिहार सरकार का कला प्रेम ही है कि पिछले कुछ वर्षो में कई कला गतिविधियाँ सरकार ने की है / ऐसे हीं एक प्रयास के तहत सरकारी स्तर पर कलाकारों को सम्मान प्रदान कर कलाकारों को प्रोत्साहित करने का काम बिहार सरकार ने किया है/ 2012 में शुरू की गई पुरस्कार के तहत चक्षुस कला एवं प्रदर्श कला के क्षेत्र में 10-10 पुरस्कार बिहार कला पुरस्कार के नाम से दिया जाता है साथ हीं दो लाइफ टाइम एचिवमेंट पुरस्कार भीं दोनों ही विधाओं में दिया जाता है /
पुरस्कार प्राप्त करते पं. बिरजू महाराज |
पुरस्कार प्राप्त करते एस. एच. रजा |
इसी परम्परा को और आगे बढ़ाते हुए 2013 से राष्ट्रीय पुरस्कार भी शुरू किया गया है इसी के तहत कल 23 जुलाई को दिल्ली के इंडिया इंटरनेश्नल सेंटर में बिहार सरकार का पहला राष्ट्रीय पुरस्कार चक्षुस कला के क्षेत्र में श्री एस. एच. रजा को तथा प्रदर्श कला के क्षेत्र में प्रशिद्ध कत्थक नर्तक पं. बिरजू महाराज को प्रदान किया गया / यह पुरस्कार कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार के सचिव श्री चंचल कुमार ने प्रदान किया / यह पुरस्कार भी पटना में ही अन्य पुरस्कारों के साथ ही दिया जाना था पर श्री एस. एच. रजा साहब की तबीयत सही नहीं होने के कारण इसे दिल्ली में ही देने का निर्णय लिया गया /
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