योगिनी की मूर्ति |
उत्तर प्रदेश के एक शांत गाँव में एक पुराने मंदिर से चोरी हुई भारत की जादुई पंथ की महिला प्रतिक - योगिनी की एक अति सुन्दर 10 वीं सदी में निर्मित पत्थर की मूर्ति पेरिस में एक कला संग्रहकर्ता के पास पहुँच गई थी लेकिन अब यह मूर्ति राष्ट्रीय संग्रहालय की बेशकीमती संपत्ति है।
राष्ट्रीय संग्रहालय, भैंस आकर के वाली महिला देवता - "व्रिशानाना " योगिनी की भव्य मूर्ति के देश में वापस आने के उपलक्ष्य में 19 सितम्बर से 6 अक्तूबर तक अकेली कलाकृति की अब तक की पहली अनूठी प्रदर्शनी का आयोजन कर जश्न मानेगा।
संग्रहालय के महानिदेशक डा. वेणु वि. के अनुसार " पुर्व में भी राष्ट्रीय संग्रहालय विशिष्ट विषयों पर केन्द्रित प्रदर्शनियों का आयोजन करता रहा है , लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कीयह एक हीं मूर्ति की प्रदर्शनी होगी। हालाकि यह प्रदर्शनी एक ही वास्तु पर ध्यान केन्द्रित करता है , लेकिन ऐसे कई विषय हैं आधार प्रदान कर रहे हैं। "
18 दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 19 सितम्बर को 3 बजे संस्कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच और विदेश मंत्री श्री सलमान खुर्शीद संयुक्त रूप से संग्रहालय में करेंगे।
लगभग 400 किलोग्राम वजन की यह मूर्ति उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में लोखाड़ी गाँव के मंदिर से चोरी की गई थी। उसके बाद इसे अवैध रूप से फ्रांस ले जाया गया ।
इस प्रदर्शनी को राष्ट्रीय संग्रहालय के क्यूरेटर ( पुरातत्व ) जे. ई. डावसन और राष्ट्रीय संग्रहालय संसथान के डीन अनुप पाण्डेय ने संयुक्त रूप से क्युरेट किया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें