प्रदर्शनी में कुल सत्रह कलाकार शामिल हैं तीन कलाकार बिहार के हैं शेष दिल्ली में ही रहकर अपनी कला साधना में लगे हैं। इस प्रदर्शनी की एक खास विशेषता है की यथार्थवादी, अतियथार्थवादी, एब्स्ट्रैक्ट, सेमी एब्स्ट्रैक्ट लोककला से प्रभावित सभी तरह के रेखांकन शामिल किये गए हैं।
किशोर रॉय और विश्वजीत पांडा के रेखांकन पूरी तरह अमूर्त हैं वही वेदप्रकाश भारद्धाज, दिलीप शर्मा, अनिल कुमार सिन्हा, अशोक कुमार, मीनाक्षी झा बनर्जी के तीन रेखांकन, मोहम्मद सुलेमान के रेखांकन में अमूर्तन की ओर झुकाव है। राखी, राजेश चंद, संजू दास, उमेश शर्मा और मीनाक्षी झा के रेखांकनों में लोककला की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। अजय नारायण, अनिल बल, प्रवीन उपाध्याय और रागिनी सिन्हा के काम में यथार्थवादी और अतियथार्थवादी रुझान देखा जा सकता है। रागिनी सिन्हा, मोहम्मद सुलेमान, किशोर रॉय, दिलीप शर्मा, अशोक कुमार, आशीष मोहन, उमेश शर्मा और विश्वजीत पंडा ने अपने रेखांकनों में हलके रंगों का भी प्रयोग किया है। वेदप्रकाश भारद्वाज, राजेश चन्द, अनिल सिन्हा और अशोक कुमार ने अपने रेखांकनों में गतिमान और बोल्ड रेखाओं का प्रयोग किया है शेष कलाकारों ने महीन और लयात्मक रेखाओं तथा हलके वर्णों के टेक्स्चर का प्रयोग किया है। सभी का काम एक से बढ़कर एक है। ये प्रदर्शनी २५ अगस्त तक एक महीने चलेगी इसके लिंक https://hi.colornspace.in/1x1-drawing-show पर जाकर आप हर कलाकृति को बारीकी से देख सकते हैं l हरेक कलाकृति का मूल्य भी कम से कम रखा गया है ताकि कलाप्रेमी इस अवसर का विशेष लाभ ले सकें।
--रवींद्र कुमार दास
वरिष्ठ कला लेखक
मो. सं.- 9811712309
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें