सोमवार, 5 जनवरी 2015

कृष्णाकृति महोत्सव में कला संगोष्ठियों के साथ नृत्य, संगीत और सिनेमा का आनंद

हैदराबाद में छह स्थानों पर 7-11 जनवरी के दौरान आयोजित होने वाला महोत्सव कला शिक्षा पर केंद्रित होगा

हैदराबाद, 5 जनवरी: मोतियों के लिए विख्यात हैदराबाद शहर में इस सप्ताह कला - सौंदर्य की बहार आने वाली है। हैदराबाद में बुधवार 7 जनवरी से सुप्रसिद्ध कृष्णाकृति वार्षिक कला और संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत वार्ता, सेमिनारों और कार्यशालाओं के अलावा सुप्रसिद्ध नृत्य, संगीत, सिनेमा, चित्रकला और साहित्य पर आधारित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

आयोजकों ने आज कहा कि हैदराबाद, सिकंदराबाद और साइबराबाद में सात स्थानों पर 7 से 11 जनवरी तक आयोजित इस कला एवं संस्कृति के महोत्सव में आम लोगों के लिए प्रवेश निःशुल्क है। हालांकि इस महोत्सव में कई प्रकार के लाइव शो का आयोजन किया जा रहा है लेकिन इसे मुख्य रूप से कला शिविर के आसपास केंद्रित किया जा रहा है। इससे प्राप्त आय दान दे दी जाएगी।

कृष्णाकृति फाउंडेशन के प्रमुख प्रशांत लाहोटी ने आज यहां बताया कि सुप्रसिद्ध शास्त्रीय नर्तक बिरजू महाराज और मल्लिका साराभाई इस 11वें पांच दिवसीय महोत्सव में दो दिन संध्या में अपना प्रदर्शन करेंगे।

इस महोत्सव को कला संरक्षक कृष्णचंद्र बी. लाहोटी की स्मृति में 2003 में स्थापित फाउंडेशन के द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस महोत्सव का उद्देश्य सिर्फ अपने प्रदर्शन की बजाय कला और संस्कृति पर लोगों को प्रशिक्षित करना है। उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि हमने कला पर शिविर का आयोजन किया है, जिसके तहत विभिन्न विषयों, कार्यशालाओं, वाद - विवाद, संगोष्ठियों, व्याख्यानों और इसी तरह के अन्य पहलुओं पर प्रस्तुतीकरण पेश की जाएगी।

कृष्णाकृति महोत्सव का एक दशक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड है। इसने कॉर्पोरेट घरानों और खुद कलाकारों के अलावा छात्रों और देश से बाहर रह रहे काफी कला प्रेमी दर्शकों को सदा ही आकर्षित किया है।
इस बार, महोत्सव और कला शिविर के उद्घाटन के बादकलाकृति अवार्ड फाॅर एचीवमेंट एंड एक्सेलेंसप्रस्तुत किया जाएगा। बंजारा हिल्स में कलाकृति आर्ट गैलरी में शाम 5 बजे आयोजित इस सत्र के बाद दो वार्ता: रवींद्रनाथ टैगोर के साथ विश्व वार्ता’ (कला इतिहासकार आर. शिव कुमार के द्वारा) औरकला की उत्पत्ति को समझना (तात्विकी विशेषज्ञ नवज्योति सिंह के द्वारा) आयोजित की जाएगी।

दूसरे दिन, अहमदाबाद स्थित मल्लिका साराभाई और उनकी मंडली शिल्पकला वेदिका मेंसम्प्रदायमपेश करेंगे। अगली शाम, बुजुर्ग उस्ताद बिरजू महाराज कत्थक नृत्य से उसी स्थल की शोभा बढ़ाएंगे।

अन्नपूर्णा इंटरनेशनल स्कूल आॅफ फिल्म एंड मीडिया में भी इन पांच दिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जिसके तहत वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग, निर्देशकों के साथ बातचीत और फिल्म निर्माण कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। अपनी कृतियों के प्रदर्शन के बाद सभा को संबोधित करने वाले फिल्म निर्माताओं में रुचिका नेगी (एवरी टाइम यू टेल स्टोरी), मेराजूर रहमान बरुआ (नाइन मंथ्स), सबा देवन ( अदर सांग), नीता जैन दुहौत (सुरभि) और गौतम पेम्माराजू (क्या है कि, क्या नही है कि: दखानी) शाकमल होंगे। एल. वी. प्रसाद नेत्र संस्थान 8 जनवरी से हर दिन वार्ता और प्रस्तुति में शामिल होगा जिसका शुरुआत प्रख्यात कवि अशोक वाजपेयी कलाकार एस. एच. रजा पर व्याख्यान के साथ होगी। इसके बाद निर्मला बिलुका कानैरेटिव स्क्राॅल पेंटिंग परंपराएं और समकालीन कला प्रथाओं पर उनके प्रभावविषय पर व्याख्यान होगा।

9 जनवरी को ‘1930 के दशक के शुरुआत से आज तक के कार्य’ (कार्ल अंटाओ) औरभारत में आधुनिक कला (पार्थ मिटेर) पर वार्ता आयोजित की जाएगी। 10 जनवरी कोएक पेंटर की यात्रा’ (50 वर्ष की) पर अर्पणा कौर की वार्ता का आयोजन किया जाएगा और उसके बाद परमजीत सिंह की कला पर अमित दत्ता की फिल्म दिखायी जाएगी। अंतिम दिन, मुंबई के कलाकार चिंतन उपाध्याय की एक प्रस्तुति के बाद लाहौर आधारित क्यूरेटर-लेखक नाजिश अता-उल्लाहपाकिस्तान में समकालीन कलापर बात करेंगे।

11 जनवरी को नई प्रौद्योगिकियों और पारंपरिक कला का उपयोग करने वाले फ्रांसीसी कलाकार बी2फेज द्वारा तीन प्रर्दशर्नियों की शुरुआत की जाएगी। कलाकृति गैलरी मेंनोमाड्स आॅफ मेमोरीज’ (पेंटिंग) और एलायंस फ्रैंकेसे में एक इंटरेक्टिव मीडिया इंस्टालेशन का समापन 21 जनवरी हो होगा, जबकि गोएथे जेन्ट्रम में शो का समापन 19 जनवरी को होगा।


लाहोटी ने कहा कि कृष्णाकृति फाउंडेशन ने पिछले एक दशक में 150 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान किया है। ‘‘इसके अलावा, हमने फ्रांस की सरकार के साथ एक टाई-अप किया है जिसके तहत हर साल हमारे दो भारतीय छात्रों को कला पाठ्यक्रमों के लिए यूरोपीय देश भेजा जाता है जिसका खर्च फ्रांस की सरकार वहन करती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें