शुक्रवार, 27 नवंबर 2015

20 वें केरल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन समारोह में उस्ताद जाकिर हुसैन होंगे आकर्षण के केंद्र

तिरुवनंतपुरम, 27 नवंबर : केरल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफके) के 20 वें संस्करण का उद्घाटन समारोह उस्ताद जाकिर हुसैन के तबला वादन की प्रभावकारी शैली के स्पंदन से गुंजायमान होगा।

विश्व प्रसिद्ध तबला वादक शुक्रवार, 4 दिसंबर को शुभारंभ होने वाले इस महोत्सव के सम्मानित अतिथि होंगे। वे अपने ‘उठान’, ‘कायदा’ और ‘रेला’ जैसे रूपों और रचनाओं के अपने व्यापक प्रदर्शनों से निशागांधी सभागार में गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिनिधियों को संगीत के आनंद से सराबोर करेंगे।

उनका प्रदर्शन आयोजन को पांडित्य और गंभीरता प्रदान करेगा। केरल के मुख्य मंत्री ओमन चांडी दीप प्रज्वलित कर दोनों समारोहों फिल्म और कलात्मक अभिव्यक्ति के सप्ताह भर तक चलने वाले महोत्सव का शुभारंभ करेंगे।

इस अवसर के मुख्य आकर्षणों में एक आकर्षण 1970 के दषक में ईरानी नई लहर आंदोलन के अगुआ प्रख्यात फिल्म निर्माता डारियुस को सम्मानित किया जाना होगा। ईरान के सिनेमाई पुनर्जागरण के लिए किये गये उनके काम और योगदान के लिए उन्हें आईएफएफके का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।

इस समारोह की उद्घाटन फिल्म फ्रांसीसी निर्देशक जीन जेक्स अन्नाउड की 3-डी स्पेक्टाकुलर वुल्फ टोटेम होगी। चीनी लेखक लू जियामिन (छद्म नाम जियांग रोंग का इस्तेमाल) के द्वारा 2004 में लिखा गया अर्द्ध आत्मकथात्मक उपन्यास पर आधारित, इस फिल्म में बीजिंग से आंतरिक मंगोलिया के खानाबदोशों को सभ्य बनाने तक की एक युवा छात्र की यात्रा को दिखाया गया है।

माओ जेडांग की ‘सांस्कृतिक क्रांति’ की समालोचना से परे यह फिल्म बुद्धिजीवियों को मुफस्सिल जीवन जीने और जंगलों में कूच करने के लिये विवश किये जाने को दिखाती है। यह फिल्म जंगल के मैदान और अपने निवास के लिए बढ़ते छात्रों के अपनापन को दिखाती है। कठोर जंगल के लुभावने दृश्य अन्नौद के प्राकृतिक दुनिया को फिल्माने की ललक को बयां करते हैं।

इस फिल्म को प्रदर्षित किये जाने से पूर्व महोत्सव के सिग्नेचर फिल्म का अनावरण किया जायेगा। यह फिल्म प्रकाश और छाया के सूक्ष्म परस्पर क्रिया पर आधारित 25 सेकंड का हाइकू है। बहुप्रतीक्षित आईएफएफके की सिग्नेचर फिल्म में महोत्सव के दर्शन और व्यवहार को पारंपरिक रूप से समझाया गया है।

आईएफएफके के इस संस्करण का महत्व इससे भी जाहिर होता है कि इस संस्करण के साथ केरल राज्य चलचित्र अकादमी (केएससीए) ने आईएफफके के मुख्य आकर्शण को साझा करने और केरल के शास्त्रीय और पारंपरिक प्रदर्शन कलाओं के साथ अपने प्रोफाइल को और श्रेष्ठ बनाने के लिए शहर के सांस्कृतिक संगठन के साथ साझेदारी की है।

केरल कलामंडलम, केरल साहित्य अकादमी, केरल संगीत नाटक अकादमी, केरल लोकगीत अकादमी और भारत भवन, 05-10 दिसम्बर तक पूरे सप्ताह के दौरान, सूचना और मनोरंजन की प्रस्तुतियों का संचालन करेंगे।

इस महोत्सव के दौरान रोजाना शाम 6 से 7 बजे तक कनककुन्नू पैलेस सहित विभिन्न आयोजन स्थलों पर कथकली, थेय्यम, पदयानी, मोहिनीअट्टम और केरल नदनम जैसे नृत्य रूपों का प्रदर्शन होगा। इसके अलावा भारत भवन के सभागार में जुगलबंदी सत्र भी आयोजित होगा।

केरल का प्रमुख फिल्म समारोह, आईएफएफके 2015, 4 से 11 दिसंबर तक आयोजित होगा।