बुधवार, 6 जनवरी 2016

कला, संगीत, थिएटर, सिनेमा, साहित्य संगम के साथ ‘‘कृश्णकृति 20016’’ कला एवं संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करने को तैयार

हैदराबाद में डेलरिम्पल-विद्या हेरिटेज प्रदर्शनी  के साथ 07 जनवरी से 10 जनवरी तक चलने वाले इस महोत्सव की शुरूआत होगी 
हैदराबाद, 6 जनवरी: मोतियों के शहर के रूप में मशहूर हैदराबाद शहर में इस सप्ताह कृश्णकृति महोत्सव का आयोजन हो रहा है जिसमें विविध आयामी चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, हेरिटेज, थिएटर और सिनेमा के अलावा साहित्य के विभिन्न पहलुओं को पेश किया जायेगा। यह महोत्सव चार दिन तक चलेगा।
महोत्सव के आयोजकों ने आज यहां बताया कि 07-10 जनवरी तक चलने वाले इस महोत्सव के दौरान अलग- अलग क्षेत्र के विशेषज्ञ न केवल अपनी कलाओं का प्रदर्शन करेंगे बल्कि इंटरैक्टिव सत्रों तथा कार्यशालाओं में अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इसके अलावा इस दौरान हर दिन शाम को वृत्तचित्र फिल्म महोत्सव का भी आयोजन होगा।
हर साल आयोजित होने वाले महोत्सव ’कृश्णकृति’’ के 12 वें संस्करण का मुख्य आयोजन स्थल माधेपुर का  सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केन्द्र होगा जिसमें दिग्गज अभिनेता आमोल पालेकर, पाकिस्तानी कलाकार राशिद राणा, ग्राफिक उपन्यासकार ओरिजित सेन, मूर्तिकार रविंदर रेड्डी, सूफी गायक ध्रुव सांगरी और प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतज्ञ सुजात खान और रसिक चन्द्रशेखर के अलावा अनेक हस्तियों की ओर से कार्यक्रम पेश किये जायेंगे।
यह महोत्सव कविता तथा संगीत के प्रभावकारी समागम के साथ शुरू होगा। इसमें विख्यात लेखक विलियम डेलरिम्पल और शास्त्रीय संगीतकार विद्या शाह के बीच विचारोत्तेजक संगम होगा। इस महोत्सव का आयोजन करने वाली संस्था कृश्णकृति फाउंडेशन के प्रमुख श्री प्रशांत लाहोटी के अनुसार ‘‘इंटर द लास्ट मुगल’’ शीर्शक वाला यह अद्भूत कार्यक्रम दुनिया भर के सम्राटों, नामी - गिरामी कवियों, राज नर्तकों, राजनीति, युद्धों, बीते युग के प्यार एवं टकरावों की जीवंत झलक पेश करेगा। यह महोत्सव बोटानिका, फोर्ड, जी एल मंधानी ट्रस्ट और तेलंगाना टूरिज्म के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
श्री प्रशांत लाहोटी ने आज यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘‘इसके अलावा यह फाउंडेशन फ़्रांस के दूतावास के सहयोग से कलाकारों तथा छात्रों को छह महीने की इंटर्नशिप भी प्रदान करता है। हर साल, चुने गये उम्मीदवारों को उच्च अध्ययन के लिए पेरिस जाने का मौका मिलता है।’’ उन्होंने बताया कि इस बार महोत्सव के दौरान कलाकार एवं शोधकर्ता निर्मला बिलुका द्वारा बनाये गये स्थल विशिष्ट इंस्टालेशन को भी प्रस्तुत किया जा रहा है।

कलाकृति आर्ट गैलरी के संचालक श्री प्रशांत ने बताया कि कृश्णचन्द्रण बी लाहोटी की स्मृति में 2003 में स्थापित फाउंडेशन सांस्कृतिक प्रदर्शनियों का भी आयोजन करता है। कलाकृति आर्ट गैलरी के पास भारत के ऐतिहासिक नक्शों का संग्रह है और माना जाता है कि यह संग्रह देश का सर्वाधिक व्यापक संग्रह है।
श्री लाहोटी ने कहा कि कृश्णकृति 2016 का समापन 10 जनवरी को सितार वादक सुजात खान तथा दक्षिण भारत के बांसुरीवादक रसिक चन्द्रशेखर की प्रस्तुति के साथ होगा। इसी दिन माधोपुर में शिल्परमम में साढ़े 8 बजे एक जाज संगीत कार्यक्रम और नाटक का प्रदर्शन किया जाएगा। श्री लाहोटी को 2013 में फांस की सरकार की ओर से शेवेलियर डांस एल’आर्डे डेस आर्ट्स एट डेस लेटेªस (नाइट आॅफ द आर्डर आफ आर्ट्स एंड लेटर्स) का सम्मान मिला था।
कृश्णकृति फाउंडेशन के एक ट्रस्टी श्री अनूप राव ने कहा, ‘‘यह महोत्सव एक दशक से भी अधिक समय से विभिन्न प्रकार की सौंदर्य संवेदनशीलता की पूर्ति कर रहा है। इसमें अब भी कोई बदलाव नहीं आया है।’’
रिवर टू रिवर फ्लोरेंस इंडिया फेस्टिवल के निदेशक सेलवाजिया वेलो ने कहा, ‘‘एक आर्ट गैलरी से इस महोत्सव को शुरू करने का विचार अत्यंक आकर्षक है। इसने मुझे इस अद्भुत सहयोग करने के लिए आकर्शित किया।’’
दूसरे दिन, एक ‘कला तकनीक’ कार्यशाला (शाम 3 बजे से) आयोजित की जाएगी जहां केरल में जन्मे कलाकार वाल्सन कोलेरी क्ले- माॅडलिंग पर विचार विमर्श का नेतृत्व करेंगे। उसके बाद प्रताप मोदी ‘‘वुडकट’’ पर विचार विमर्श का नेतृत्व करेंगे।
इसके बाद ग्राफिक उपन्यासकार ओरिजित सेन (‘ड्राइंग हैदराबाद’) और मूर्तिकार रविंदर रेड्डी (‘मोनुमेटलिटी की तलाश में’) के द्वारा इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया जाएगा। इसके तहत कोल्लेरी विद्वान धृतब्रता भट्टाचार्य (‘जादुई हाथों से संसार को आकार) के साथ वार्तालाप करेंगे।
सायं 6 बजे, डाॅक्युमेंटरी फिल्म महोत्सव - रिवर टू रिवर फ्लोरेंस इंडियन फिल्म फेस्टिवल इज ए कोआर्गेनाइजर का शुभारंभ होगा जिसके तहत दिप भुइयां के द्वारा एक घंटे की फिल्म ‘रेजोनेंस आॅफ मदर्स मेलोडी’ दिखायी जाएगी। शाम में ही रेणुका जॉर्ज के द्वारा स्वर्गीय हिंदुस्तानी वादक पर ‘उस्ताद असद अली खान - ए पोट्रेट’ दिखायी जाएगी। उसके बाद एक इंटरैक्टिव सत्र ‘अनप्लग्ड’ आयोजित किया जाएगा, जिसके तहत पश्चिमी कर्नाटक पियानोवादक अनिल श्रीनिवासन पाश्र्व गायिका चिन्मयी श्रीपदा के साथ वार्तालाप करेंगे।
तीसरे दिन की शुरुआत ‘एक कला तकनीक’ कार्यशाला से होगी जिसके तहत पौशली दास वाॅश पर और अनिल शर्मा ‘मिनिएचर एंड रियलिस्टिक पेंटिंग्स इन टेम्परा’ पर सुझाव देंगे। इसके अलावा ‘स्पेस वर्सेस टाइम: मैपिंग हिसोरियोग्राफीज - द नैरेटिव आॅफ परफार्मेंस आर्ट इन इंडिया’ पर एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया जाएगा जिसके तहत विशेषज्ञ सुरेश कुमार जी, मनमीत देवगन और राहुल भट्टाचार्य से वार्तालाप करेंगे।
शाम के समय रूही दीक्षित और जिबा भगवागर के द्वारा वृत्तचित्र फिल्म ‘स्पेस बिटवीन’ दिखायी जाएगी। ध्रुव संगरी के द्वारा सूफी परफार्मेंस से पहले लाहौर में जन्में राशिद राणा एक इंटरैक्टिव सत्र ‘ट्रांसपोजिषन्स’ को संबोधित करेंगे।
अंतिम दिन की कार्यवाही फिल्मों पर एक पैनल चर्चा के साथ शुरू होगी। ‘सो मेनी सिनेमाज: डू फिल्ममेकर्स हैव टू बी रिस्पांसिबल टू देयर आॅडियेंस?’ शीर्षक के तहत चर्चा में, वक्ता में हरिहरन कृश्णा, सेल्वागिया वेलो और डाॅ. पवन मानवी के अलावा अभिनेता अमोल पालेकर और समाजशास्त्री शमूएल बर्थेट शामिल होंगे।
इसके अलावा ‘डिसकसिंग प्लुरलिटीज / मार्जिनलिटीज इन कंटेम्पररी इंडियन आर्ट’ पर भी एक पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी, जिसमें जयराम पोडुवाल, आनंद गडपा, सूसी थारू, राहुल भट्टाचार्य और अंशुमान दासगुप्ता जैसे विद्वान शामिल होंगे। उसके बाद रूही दीक्षित और जिबा भगवागर के द्वारा एक फिल्म ‘स्कैटर्ड विंडोज, कनेक्टेड डोर्स’ दिखायी जाएगी।
शाम साढ़े 6 बजे से, शिल्परमम के राॅक हाइट्स में एक घंटे का इंडो- क्रियोल म्यूजिक कंसर्ट (एलायंस फ्रैंकाइस के सहयोग से) आयोजित किया जाएगा, उसके बाद नाटक ‘एट किंग्स’ (विक्रमाजीत सिंहा के द्वारा) का मंचन किया जाएगा और सुजात- रसिका कंसर्ट आयोजित किया जाएगा।

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