शनिवार, 25 फ़रवरी 2017

सहपीडिया की 11 खंड वाली राष्ट्रपति भवन श्रृंखला जल्द ही वेब मॉड्यूल में होगी उपलब्ध

                  विश्वकोश संस्था अब देष में अन्य संस्थाओं, परियोजनाओं पर भी काम करेगी
 
नई दिल्ली, 24 फरवरी: भारत के राष्ट्रपति के 340 कमरे वाले भव्य एवं विशाल आधिकारिक निवास की कई खंडों वाली विशाल प्रलेखन परियोजना अब डिजिटल अवतार के लिए पूरी तरह से तैयार है।
Dr Sudha Gopalakrishnan (Left), Executive Director, Sahapedia and Dr Yashaswini Chandra (Right) greet Ms Omita Paul, Secretary to President Pranab Mukherjee at a function at the Rashtrapati Bhavan recently to mark the completion of the Multi-Volume Documentation Project on the historic heritage building.

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के सहयोग से सहपीडिया द्वारा शुरू की गई यह महत्वाकांक्षी परियोजना अब इस गैर लाभकारी संस्था की वेबसाइट (www.sahapedia.org) पर संक्षिप्त वेब आधारित मॉड्यूल के रूप में उपलब्ध हो जाएगी। महान ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियन द्वारा डिजाइन किया गया और निर्मित, वास्तु पर आधारित, इस प्रतिष्ठित और भव्य राष्ट्रपति भवन पर जानकारी चाहने वालों के लिए यह काफी मूल्यवान साबित होगा।

भारत की कला, संस्कृति और विरासत पर एक खुला ऑनलाइन स्रोत, सहपीडिया ने इस परियोजना पर 2014 में काम शुरू किया और राष्ट्रपति भवन के वास्तुकला, कला, उद्यान और इतिहास जैसे विभिन्न पहलुओं को बहुत ही खूबसूरती से सचित्र पुस्तकों के रूप में संकलित किया है। ये खरीद के लिए अमेज़न इंडिया पर और प्रकाशन विभाग की बिक्री काउंटरों पर उपलब्ध हैं।
President Pranab Mukherjee with core team members of the non-profit encyclopaedic online arts body Sahapedia at a function at Rashtrapati Bhavan recently. Sahapedia has just concluded a three-year-long multi volume documentation project on the official residence of the President of India.
साहपीडिया के परियोजना प्रबंधक यशस्विनी चंद्रा ने कहा, ‘‘हमने पुस्तकों के साथ-साथ वेब मॉड्यूल की एक श्रृंखला भी तैयार की है और जल्द ही उन सभी को साहपीडिया की साइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। ये इमारत के इतिहास और विरासत की बेहतर समझ हासिल करने के लिए शोधकर्ताओं और आम लोगों दोनों के लिए मूल्यवान होंगे।

पुस्तकों के 11 खंडों में सात मुख्य खंड और चार अतिरिक्त खंड हैं, इसके अलावा दो खंड बच्चों के लिए भी है। सभी खंडों में ऐतिहासिक इमारत का पूरा ब्यौरा दिया गया है जो पहले कभी वायसराय हाउस के नाम से जाना जाता था।

पुस्तकों की सूची में शामिल हैं ‘‘राइट आॅफ लाइन: द प्रेसिडेंट्स बाॅडीगार्ड’, ‘द प्रेसिडेंसियल रिट्रीट्स आॅफ इंडिया’, ‘फर्स्ट गार्डेन आॅफ द रिपब्लिक: नेचर इन द प्रेसिडेंट स्टेट’, ‘ए वर्क आॅफ ब्यूटी: द आर्किटेक्चर एंड लैंडस्केप आॅफ राष्ट्रपति भवन’, ‘द आर्ट्स एंड इंटीरियर्स आॅफ राश्ट्रपति भवन: लुटियन्स एंड बेयंड’, ‘एराउंड इंडियाज़ फर्स्ट टेबल: डायनिंग एंड इंटरटेनिंग एट द राष्ट्रपति भवन’ और ‘लाइफ एट राष्ट्रपति भवन’।

पिछले हफ्ते राष्ट्रपति ने परियोजना के पूरा होने को चिह्नित करने के लिए सहपीडिया से कोर परियोजना टीम के साथ- साथ सहायक विषेशज्ञों को जिम्मेदारी सौंपी थी। परियोजना टीम ने लगभग 50 विद्वानों, शिक्षाविदों, फोटोग्राफर, शोधकर्ताओं, संपादकों और डिजाइनरों के समूह को सफलतापूर्वक प्रबंधित किया।
President Pranab Mukherjee with Dr Sudha Gopalakrishnan, Executive Director of Sahapedia, a non-profit encyclopaedic arts body at the Rashtrapati Bhavan recently. Sahapedia has recently concluded a three-year-long multi volume documentation project on the official residence of the President of India.

यशस्विनी ने कहा, ‘‘इस अवसर पर राष्ट्रपति के सचिव ओमिता पाॅल ने कहा कि यह परियोजना एक चुनौती थी  लेकिन हमें इससे काफी अनुभव हुआ। इस असवर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ एक ग्रुप फोटो लिया गया था।’’

सहपीडिया की कार्यकारी निदेषक डाॅ. सुधा गोपालकृष्णन ने कहा, ‘‘सभी लोगों ने बताया कि यह एक बहुत ही अनोखी और जटिल परियोजना है जिसमें प्रत्येक क्षेत्र के शीर्ष विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। हमारे पास पुस्तकों पर काम करने वाले अति विशिष्ट फोटोग्राफर थे और हमने सभी नए तस्वीरों के साथ- साथ दुर्लभ अभिलेखीय तस्वीरों का इस्तेमाल किया। हम इसे समय पर लाकर बहुत खुश हैं और आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए आईजीएनसीए के आभारी हैं।’’

टेक्स्ट के साथ संलग्न काफी संख्या में चित्रों और तस्वीरों को प्राथमिक स्रोतों से और अभिलेखीय अनुसंधान द्वारा लिया गया है।

इस परियोजना से जुड़े कुछ प्रमुख नामों में शामिल हैं: एस. कालिदास, कुलदीप कुमार, शर्मिश्ठा मुखर्जी, लीला वेंकटरमण, स्क्वाड्रन लीडर (सेवानिवृत्त) राणा टी.एस. छिना, दिनेश खन्ना, गिलियन राइट, प्रो. अमिता बविस्कर, नरेंद्र बिष्ट, प्रदीप कृष्ण, डॉ. नारायणी गुप्ता, राम रहमान, प्रो ए.जी.के. मेनन, प्रो. पार्थ मित्तर, प्रो. नमन पी. आहूजा और डॉ. लीसी कोलिंघम।
President Pranab Mukherjee with Dr Sudha Gopalakrishnan (third from right), Executive Director of Sahapedia, a non-profit encyclopaedic arts body with the core team that worked on the just concluded multivolume documentation project on Rashtrapati Bhavan at the official residence of the President of India, recently.
एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में, सहपीडिया ने भारत के सांस्कृतिक विरासत का काफी प्रलेखन किया है और इसका उद्देष्य देश की दृश्य और प्रदर्शन कला, साहित्य और भाषाओं के ज्ञान संसाधन आधार को बनाना है।

चालू कैलेंडर वर्ष में, विश्वकोश संस्था ने देश भर में फैले लगभग 20-25 परियोजनाओं पर काम करने की योजना बनाई है।

डॉ. गोपालकृष्णन ने कहा, ‘‘हम देश में भक्ति परंपराओं और अन्य संस्थानों का भी दस्तावेज़ीकरण करेंगे। ऐसा पहली बार हुआ है कि एक निजी संस्था ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और कला के कई पहलुओं को प्रतिबिंबित करने का ऐसा बड़ा प्रयास किया है।’’

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