बुधवार, 18 अप्रैल 2018

पटना को कला के केंद्र बिंदु के रूप में विकसित करने की दिशा में एक सार्थक पहल

अलका पांडेय दीप जलाकर उद्घाटन करते हुए 
ला एवं संस्कृति किसी भी देश की आत्मा है। इसके बिना देश का निर्माण संभव नहीं। अगर अपने देश की बात करें तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि भारत विभिन्न संस्कृतियों का सर्जक रहा है। यहाँ की कला और संस्कृति आदि काल से ही विश्व के कई हिस्सों में अपनी गहरी छाप छोड़ती आई है। भारत को सोने की चिड़िया बनाने में न जाने कितने ही कलाकारों ने अपना पसीना बहाया है , पर दुःखद है कि यहाँ के कलाकार, पिछले कुछ दशकों को छोड़ दें तो लम्बे समय से शोषित ही रहा। पर पिछले कुछ दशकों से कला के साथ-साथ कलाकारों ने भी सुनहरे सपने देखने शुरू कर दिए है। कारण है आर्थिक उछाल के साथ-साथ सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कला की महत्ता को गंभीरता से समझने की कोशिश और साथ- साथ रूचि पैदा करना। आज अगर हम राज्य के स्तर पर देखें तो बिहार नई संभावनाओं के साथ शीर्ष पर खड़ा दिखाई देता है।

अभी हाल ही में पटना के नवनिर्मित बिहार संग्रहालय में उद्योग विभाग, बिहार सरकार, उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संसथान तथा पटना की कला संस्था रंग विकल्प के संयुक्त तत्वावधान में एक सिम्पोसियम का आयोजन किया गया।  विषय था "आर्ट फिलेनथ्रोपि एंड इन्वेस्टिंग इन फ्यूचर " । 

इस अवसर पर बिहार सरकार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा की बिहार सरकार, बिहार को कल्चरल हब बनाने के लिए सतत प्रयत्नशील है, बिहार संग्रहालय इसी का एक बड़ा उदहारण है। निर्माण के कुछ ही समय के भीतर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने वाले इस संग्रहालय में अब तक कई राज्य, राष्ट्रिय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कलाकारों के कृतियों की प्रदर्शनी आयोजित हो चुकी है। इन आयोजनों से स्वस्थ कला का माहौल बनाने काफी मदद मिली है।


इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली की अलका पाण्डेय ने भी अपनी बात उपस्थित श्रोताओं के सामने रखी। उन्होंने बिहार संग्रहालय को कलाकारों के लिए उपयुक्त मंच बताते हुए इंटरनेट के इस ज़माने में कलाकारों को भटकाव से बचने और अपनी जड़ो को न भूलने की अपील की।  

अपने सम्बोधन में उद्योग विभाग के सचिव एस. सिद्धार्थ ने कला बाजार को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे कला और कलाकार दोनों को उचित सम्मान मिलेगा साथ कलाकारों को जीवन यापन का रास्ता मिलेगा ।

रंग विकल्प के सचिव सन्यासी रेड ने सरकार के साथ-साथ निजि स्तर पर लोगों से कला में निवेश पर बल दिया।
कार्यक्रम का संचालन विकास नन्द ने किया।    



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