शनिवार, 31 जनवरी 2015

कोच्चि-मुजिरिस बिनाले क्यूरेटर भावना को ‘‘शानदार ढंग से’’ प्रदर्शित करता है: किरण नादर

क्रिस्टी ने भी वैष्विक जीवन उत्साह पैदा करने के लिये बिनाले की सराहना करते हुये इसे उसकी
सांस्कृतिक उपलब्धि बताया
नई दिल्ली, 31 जनवरी: प्रसिद्ध सांस्कृतिक कार्यकर्ता और समाज सेवी किरण नादर के अनुसार कोच्चि में चल रहे कोच्चि - मुजिरिस बिनाले (केएमबी) अपने क्यूरेटर विषय का अनुपालन करते हुए कलाकृतियों को शानदार ढंग से प्रदर्शित करने में सफल रहा है और इसने आधुनिक समकालीन कला में कीर्तिमान स्थापित कर लिया है।
Jitish Kallat, Curator & Artistic Director of
 Kochi-Muziris Biennale 2014

राष्ट्रीय राजधानी में अपने निवास पर कला प्रेमियों और कला संरक्षकों को संबोधित करते हुए अनुभवी कला संग्रहकर्ता ने कहा कि आने वाले समय के साथ पुराने समय में सामंजस्य स्थापित करते हुए समय और स्थान के  इर्द- गिर्द कल्पना की गयी ‘‘व्होल्र्ड एक्सप्लोरेशन्स’’ पर आधारित 108 दिवसीय प्रदर्शनी का उन्होंने भरपूर आनंद लिया।

भारत में अपनी तरह के ऐसे आयोजन के दूसरे अध्याय का सफलता पूर्वक आयोजन करने के लिए कोच्चि - मुजिरिस बिनाले का सम्मान करने के लिए प्रमुख ललित कला नीलामी घर क्रिस्टी के सहयोग से आयोजित समारोह में उन्होंने कहा, ‘‘यहां अवश्य आना चाहिए। आपमें से जो लोग बिनाले में नहीं आ पाये हैं, उन्हें यहां जल्द से जल्द आना चाहिए।’’

इस अवसर पर केबीएफ के अध्यक्ष बोस कृष्णमाचारी, सचिव रियास कोमू और बोनी थाॅमस, श्वेतल पटेल और
अभयान वार्गीज जैसे शीर्ष पदाधिकारियों के अलावा केएमबी’ 14 के क्यूरेटर जितिश कलात भी उपस्थित थे।

शुक्रवार को दोपहर के भोजन के बाद शाम को समारोह को सम्बोधित करते हुए सुश्री नादर ने कहा कि उन्होंने अनीश कपूर, मधुसुधनन, एजी वी. एन., भारती खेर और गीगी स्कारिया के कार्यों का विशेष रूप से आनंद लिया।

क्रिस्टी के निदेशक (एशियाई कला) अमीन जाफर ने कहा कि केएमबी’ 14 अपने क्यूरेटरशिप और कलाकृतियों
दोनों की गुणवत्ता के लिए दुनिया भर के लिए एक ‘सांस्कृतिक उपलब्धि’ रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे भी अधिक, इसमें अनोखा तालमेल था। कोच्चि ऐसा भारतीय शहर है जिसका बाहरी दुनिया के साथ संपर्क का सदियों पुराना एक अद्भुत इतिहास रहा है। बिनाले अपने लोकाचार को भी अच्छी तरह से परिलक्षित कर रहा है।’’

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