बुधवार, 16 अक्तूबर 2019

कथाकार— दिलचस्प क​हानियों के कथावाचन उत्सव का रंगारंग समापन

नई दिल्ली, 14 अक्तूबर। हुमायूं मकबरे के भव्य परिसर में सितारों भरे आकाश के तले रविवार की रात को कथावाचन उत्सव का रंगारंग समापन हो गया। तीन दिवसीय कथाकार 2019 उत्सव में जुटे दुनियाभर के कथाकारों ने दिलचस्प अंदाज में कई बेहतरीन कहानियां सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह में बड़ी संख्या में बच्चों के अलावा करीब 1,200 श्रोताओं की मौजूदगी रही जो गुलाबी सर्दी की संध्या को कुछ और मजेदार कहानियां सुने बिने वहां से जाने का नाम नहीं ले रहे थे।
Amrita Tripathi in conversation with Manish Sisodia, Delhi Deputy Chief Minister; Imtiaz Ali, film director, producer and writer; Mohit Chauhan; playback singer; Danish Hussain; actor and storyteller;  and Shaguna Gahilote; Co-Founder of Kathakar Festival 

यहां पहुंचे मेहमानों और भागीदारों में मोहित चौहान, इम्तियाज अली, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, ​रीतेश नंदा, सुशीला देवी के अलावा रश्मि मान और रुचिता ताहिलियानी जैसे मॉडलों ने कार्यक्रम की भव्यता में चार चांद लगा दिए। इन सबमें फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली ने अपने जादुई अंदाज में कहानी सुनाकर एक बार फिर श्रोताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 'लव आजकल' और 'रॉकस्टार' जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाले अली ने बड़ी विनम्रता से बताया, 'पात्रों का अनुकरण करते हुए कहानियां सुनाने वाला ही अच्छा कथावाचक हो सकता है।'

वर्ष 2010 में शुरू हुआ 'कथाकार—अंतरराष्ट्रीय कथावाचन महोत्सव' कहानियां सुनाने की प्राचीन कला को पुनर्जीवित करने का एक गंभीर प्रयास है। इस फिनाले में भारतीय प्रस्तोता दानिश हुसैन ने भी अपनी जड़ों से जुड़ीं कहानियां सुनाकर भीड़ को अपनी ओर आकर्षित किया। पुरस्कार विजेता इस अभिनेता, कवि और रंगमंच निर्देशक ने उर्दू जुबान में कहानियां सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। हुसैन उर्दू कथावाचन की विलुप्त होती कला दास्तानगोई को पुनर्जीवित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। हुसैन ने हबीब तनवीर, एमएस सत्यु, राजिंदर नाथ और सबीना मेहता जेटली जैसी महान सृजनशील और साहित्यिक हस्तियों से यह कला सीखी है।
Qissebazi  Harayanvi folktales by Rashmi Mann and Ruchita Tahilini

कार्यक्रम में अदाओं के साथ कहानियां सुनाने में माहिर एमिली हेनेसी (पूर्ववर्ती नाम एमिली पैरिश) ने हिंदू महाकाव्य रामायण से लेकर अफ्रीका की अनांसी कहानियों समेत दुनियाभर की दंतकथाओं, महागाथाओं, महाकाव्यों, लोककथाओं और परिकथाओं का दिलचस्प वर्णन किया। स्वीडिश पृष्ठभूमि से होने के कारण वह स्कैंडिनेवियन लोककथाएं और नार्वेजियन गाथाएं सुनाना भी पसंद करती हैं। उन्होंने अपनी शैली में महाभारत के पात्र शिखंडी की कथा सुनाई कि कैसे कुरुक्षेत्र के युद्ध में उसने पांडवों का साथ दिया और अंबा से शादी का प्रस्ताव ठुकरा चुके भीष्म से अपने पुनर्जन्म का बदला लिया।
Folktales from Europe by Vergine Gulbenkian

किस्सेबाजी के एक अन्य दौर में दो उभरते भारतीय मॉडलों ने भी ठेठ हरियाणवी शैली में कहानियां सुनाईं। ब्रिटेन की वर्जिन गल्बेंकियन ने तीन राजकुमारों से जुड़ी यूरोप की एक लोककथा सुनाई। अमेरिकी मूल की वर्जिन कार्डियोवैस्कुलर थेरापिस्ट भी हैं। वहीं, जर्जी सजुफा ने पोलैंड की लोककथाओं से जुड़ी 'स्टेपाहनोव लुहार' की कहानी सुनाई। उनके लिए परियों और योद्धाओं की कहानियां सुनाने की कला ही उनका जुनून है।

कथाकार उत्सव में ऑस्ट्रेलिआ  के रॉन मरे एक बार फिर 25,000 साल से भी पुराने वाद्ययंत्र डिजरिडू के साथ मंच पर आए और कूकाबूरा जैसे ऑस्ट्रेलियाई जानवरों की नकल उतारते हुए यह यंत्र बजाकर श्रोताओं को अभिभूत किया। समापन समारोह में शिरकत कर रहे मनीष सिसोदिया ने कहा कि सुनाई गईं सभी कहानियां शिक्षाप्रद हैं। इनमें से कुछ पौराणिक कहानियों का मूल्य आज खत्म होता जा रहा है। मसलन, राजा हरिश्चंद्र की कहानी में सत्य पर अडिग रहने की नसीहत मिलती है लेकिन आज सत्यवादी को राजा हरिश्चंद्र कहकर उनका
उपहास किया जाता है। उन्होंने कहा कि कथावाचन की परंपरा को स्कूली पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाना चाहिए। समारोह के मुख्य संरक्षक मोहित चौहान और संरक्षक सुशीला देवी ने सभी भागीदारों को सम्मानित किया।
Tales from Mahabharat by Emily Hennessey

कथाकार इस समारोह के समर्थक और स्थान भागीदारों के तौर पर एचएचएसीएच (हिमालयन हब फॉर आर्ट, कल्चर एंड हेरिटेज), बाबाजी म्यूजिक तथा आगा खां ट्रस्ट फॉर कल्चर के साथ गठित किया गया एक  सांस्कृतिक मंच है। इस उत्सव की परिकल्पना तीन बहनों— रचना, प्रार्थना और शगुना गहलोत ने की और भारत के पहले ब्रेल एडिटर और उत्साही पाठक ठाकुर विष्णु नारायण सिंह की याद में यूनेस्को के कार्यक्रम घुमक्कड़ नारायण के तहत वर्ष 2010 में यह कार्यक्रम शुरू किया गया।

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