सोमवार, 5 जनवरी 2015

बिनाले में भारतीय डाक स्टाल में पोस्टकार्ड और पत्र लिखने की भावना को फिर से किया जा रहा है जागृत

 विदेशियों ने अपने प्रियजनों को पोस्टकार्ड लिखने के लिए स्टाल पर एक बीलाइन बनाया

कोच्चि, 5 जनवरी: ऐसे समय में जब ईमेल और ई-चैट ने लोगों के संचार साधनों पर विजय प्राप्त कर लिया है, कोच्चि मुजिरिस बिनाले (केएमबी) में पोस्टकार्ड और पत्र लिखने की भावना को जागृत करने के लिए एक साहसिक प्रयास किया जा रहा है। समकालीन कला महोत्सव में किया जा रहा यह प्रयास आगंतुकों, विशेषकर विदेशियों में काफी लोकप्रिय हो रहा है।
Visitors at the India Post stall set up at
Aspinwall House, the main venue of
Kochi Muziris Biennale in Fort Kochi 
on Monday
केएमबी के सहयोग से डाक विभाग द्वारा बिनाले के मुख्य आयोजन स्थल फोर्ट कोच्चि के एस्पिनवाल हाउस में स्थापित एक एक्सटेंशन काउंटर पर पिछले दो सप्ताह से काफी भीड़ - भाड़ वाला माहौल है। अपने प्रियजनों को कुछ वाक्य लिखने के लिए पोस्टकार्ड और अंतर्देशीय खरीदने और लिखकर उन्हें स्टाल पर ही रखे पोस्ट बाॅक्स में डालने के लिए यहां अधिक से अधिक लोग आ रहे हैं।
स्टाल पर लाल रंग वाले सभी आइकाॅनिक पोस्ट बाॅक्स बीते दिनों की याद दिला रहे हैं। ये उस समय की याद दिला रहे हैं जब ये बाॅक्स लोगों के दिल के काफी करीब थे और सार्थक पत्राचार का एक महत्वपूर्ण साधन थे।

काउंटर पर डाक सहायक ने कहा, ‘‘हमने यह कभी उम्मीद नहीं की थी कि विदेशी लोग पत्र और पोस्टकार्ड लिखने में इतनी रुचि दिखायेंगे। औसतन 30 लोग काउंटर पर सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं और उनमें से अधिकतर विदेशी हैं।’’
डाक विभाग ने इस बड़े कला समारोह का हिस्सा बनने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि उसे प्रतिष्ठित भारतीय डाक का प्रदर्शन के लिए सही मंच प्रदान किया गया। एर्नाकुलम पोस्ट मास्टर जनरल एम. वेंकटाशरूलु ने कहा, ‘‘वास्तव में, हम अपने विभिन्न उत्पादों को लोगों के लिए प्रदर्शित करना चाहते हैं।  हमें इस बात से बेहद खुशी है कि लोग अभी भी पत्र और पोस्टकार्ड लिखना पसंद करते हैं जो वर्तमान ई-संचार के परिदृश्य में एक खो चुकी कला बन कर रह गयी है।’’
केएमबी’14 के कार्यक्रम निदेशक रियास कामू ने कहा कि बिनाले हमेशा से संस्कृति, कला और इतिहास का एक केन्द्र बिन्दु रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अंतर्देशीय पत्र और पोस्ट कार्ड हमेशा हमारे दिल के बहुत करीब रहे हैं। लेकिन इंटरनेट और मोबाइल फोन के आगमन के साथ, हमारे परिदृश्य को रोशन करने वाले ये अंतर्देशीय और पोस्टकार्ड 19 वीं सदी के आखिरी सालों से, लाल बाॅक्स केे विशिष्ट छाये के साथ गुमनामी में चले गये है।
भारत और विदेशों के 94 कलाकारों के 100 मुख्य कार्यों को प्रदर्शित करने वाला केएमबी’14 का समापन 29 मार्च को होगा।

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